ततः शङ्खाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः।
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ॥13॥
ततः-तत्पश्चात; शङ्खा:-शंख, च-और; भेर्य:-नगाड़े च-तथा; पणव-आनक-ढोल तथा मृदंग; गोमुखाः-तुरही; सहसा अचानक; एव-वास्तव में; अभ्यहन्यन्त-एक साथ बजाये गये; सः-वह; शब्दः-स्वर; तुमुल:-कोलाहलपूर्ण; अभवत्-हो गया था।
Translation
BG 1.13: इसके पश्चात शंख, नगाड़े, बिगुल, तुरही तथा सींग अचानक एक साथ बजने लगे। उनका समवेत स्वर अत्यन्त भयंकर था।
Commentary
युद्ध के लिए भीष्म पितामह के तीव्र उत्साह को देखते हुए कौरवों की सेना ने भी अति उत्सुकता से वाद्ययंत्र बजाकर भयंकर ध्वनि उत्पन्न की। पणव का अर्थ ढोल, आनक का अर्थ मृदंग और गो-मुख का अर्थ सींग बजाना है। ये सभी वाद्ययंत्र थे और इनकी समवेत ध्वनि के कारण युद्धक्षेत्र में भयंकर कोलाहल उत्पन्न हुआ।